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शत्रुओं से प्रेम । " Love Your enemies "

शत्रुओं से प्रेम  

शत्रुओं से प्रेम  - सिद्ध बनो । " Love Your enemies "

निचे दिए गए बाइबल कुछ आयतें हमें सिखाती है की कैसे हमें अपने शत्रुओं से प्रेम रखना चाहिए। और जो हमेंं सिद्ध बनाने में सहायक होगी।


शत्रुओं से प्रेम  - मत्ती 5:43-48

43 तुम सुन चुके हो, कि कहा गया था; कि अपने पड़ोसी से प्रेम रखना, और अपने बैरी से बैर। 44 परन्तु मैं तुम से यह कहता हूं, कि अपने बैरियों से प्रेम रखो और अपने सताने वालों के लिये प्रार्थना करो। 


45 जिस से तुम अपने स्वर्गीय पिता की सन्तान ठहरोगे क्योंकि वह भलों और बुरों दोनो पर अपना सूर्य उदय करता है, और धमिर्यों और अधमिर्यों दोनों पर मेंह बरसाता है। 46 क्योंकि यदि तुम अपने प्रेम रखने वालों ही से प्रेम रखो, तो तुम्हारे लिये क्या फल होगा? क्या महसूल लेने वाले भी ऐसा ही नहीं करते? 47 और यदि तुम केवल अपने भाइयों ही को नमस्कार करो, तो कौन सा बड़ा काम करते हो? क्या अन्यजाति भी ऐसा नहीं करते? 48 इसलिये चाहिये कि तुम सिद्ध बनो, जैसा तुम्हारा स्वर्गीय पिता सिद्ध है॥ 


परमेश्वर आपको आशीष दे।


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