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परमेश्वर हमारा शरनस्थान है - भजन | Psalm 46

परमेश्वर हमारा शरणस्थान

परमेश्वर हमारा शरनस्थान है - भजन | Psalm 46

हमारी रक्षा करने का परमेश्वर का वादा


राजा दाऊद का यह वचन हमें सिखालाती है कि कैसे हमें विपरित परिस्थितियों में भी विश्वास योग बने रहना है। दाऊद का जीवन हर पल जोखीमों और खतरो से भरा रहा, लेकिन वह डरा नहीं क्योंकि को उसको पता था जीवित खुदा यहोवा उसके साथ है। और वही दाऊद का परमेश्वर आपके भी साथ है।


दाऊद भजन - 46:1-11


1 परमेश्वर हमारा शरणस्थान और बल है, संकट में अति सहज से मिलने वाला सहायक। 


2 इस कारण हम को कोई भय नहीं चाहे पृथ्वी उलट जाए, और पहाड़ समुद्र के बीच में डाल दिए जाएं; 


3 चाहे समुद्र गरजे और फेन उठाए, और पहाड़ उसकी बाढ़ से कांप उठें॥ 


4 एक नदी है जिसकी नहरों से परमेश्वर के नगर में अर्थात परमप्रधान के पवित्र निवास भवन में आनन्द होता है। 


5 परमेश्वर उस नगर के बीच में है, वह कभी टलने का नहीं; पौ फटते ही परमेश्वर उसकी सहायता करता है। 


6 जाति जाति के लोग झल्ला उठे, राज्य राज्य के लोग डगमगाने लगे; वह बोल उठा, और पृथ्वी पिघल गई। 


7 सेनाओं का यहोवा हमारे संग है; याकूब का परमेश्वर हमारा ऊंचा गढ़ है॥ 


8 आओ, यहोवा के महाकर्म देखो, कि उसने पृथ्वी पर कैसा कैसा उजाड़ किया है। 


9 वह पृथ्वी की छोर तक लड़ाइयों को मिटाता है; वह धनुष को तोड़ता, और भाले को दो टुकड़े कर डालता है, और रथों को आग में झोंक देता है! 


10 चुप हो जाओ, और जान लो, कि मैं ही परमेश्वर हूं। मैं जातियों में महान हूं, मैं पृथ्वी भर में महान हूं! 


11 सेनाओं का यहोवा हमारे संग है; याकूब का परमेश्वर हमारा ऊंचा गढ़ है॥ 



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