"परन्तु उस ने उन से कहा, कि मैं हूं; डरो मत।" यूहन्ना 6:20
बाइबल में "डरो मत" शब्द 365 बार आया है, जो हमें हर दिन के लिए एक आश्वासन देता है कि परमेश्वर हमारे साथ है और हमें किसी भी स्थिति में डरने की जरूरत नहीं है। यहां कुछ प्रमुख वचन दिए गए हैं जो बताते हैं कि परमेश्वर हमारी यात्रा, आवश्यकता, संकट, दुर्बलता, परीक्षा, चिंता और मृत्यु के समय में हमारी मदद और सुरक्षा करता है।
1. जीवन की यात्रा में - उत्पत्ति 26:24
और उसी दिन यहोवा ने रात को उसे दर्शन देकर कहा, मैं तेरे पिता इब्राहीम का परमेश्वर हूं; मत डर, क्योंकि मैं तेरे साथ हूं, ... उत्पत्ति 26:24परमेश्वर ने इब्राहीम के पुत्र इसहाक से कहा, "डरो मत, क्योंकि मैं तुम्हारे साथ हूँ।" यह वचन हमें यह विश्वास दिलाता है कि हमारी जीवन यात्रा में परमेश्वर हमेशा हमारे साथ है और हमें किसी भी चुनौती का सामना करने से डरना नहीं चाहिए। जीवन में कई बार हम कठिन परिस्थितियों का सामना करते हैं, लेकिन यह जानकर शांति मिलती है कि परमेश्वर हमारे साथ है और हमें मार्गदर्शन करता है।
2. आवश्यकता के समय पूर्ति (प्रबंध) - 1 राजा 17:13
एलिय्याह ने उस से कहा, मत डर; जा कर अपनी बात के अनुसार कर, परन्तु पहिले मेरे लिये एक छोटी सी रोटी बना कर मेरे पास ले आ, फिर इसके बाद अपने और अपने बेटे के लिये बनाना। 1 राजा 17:13
एलियाह नबी ने एक विधवा से कहा, "डरो मत, जाओ और अपनी आवश्यकता पूरी करो।" इस वचन से हमें यह सिखने को मिलता है कि जब हम संकट में होते हैं और हमारी आवश्यकताओं की पूर्ति की चिंता होती है, तो परमेश्वर हमें आवश्यक चीजें प्रदान करता है। चाहे भोजन की कमी हो या आर्थिक समस्या, परमेश्वर हमारे हर जरूरत को पूरा करने में सक्षम है। हमें बस उस पर विश्वास रखना चाहिए और धैर्य के साथ प्रतीक्षा करनी चाहिए।
3. संकट के समय रक्षा - 2 राजा 6:16
उसने कहा, मत डर; क्योंकि जो हमारी ओर हैं, वह उन से अधिक हैं, जो उनकी ओर हैं। 2 राजा 6:16
एलिशा ने अपने सेवक से कहा, "डरो मत, क्योंकि हमारे साथ वाले उनके साथ वालों से अधिक हैं।" जब हम संकट में होते हैं, तो यह वचन हमें आश्वस्त करता है कि परमेश्वर की सुरक्षा हमारे साथ है और हमें डरने की आवश्यकता नहीं है। जीवन में कई बार हम खुद को असहाय महसूस करते हैं, लेकिन यह जानना महत्वपूर्ण है कि परमेश्वर की सेना हमारे साथ है और वह हमें हर संकट से बचा सकता है।
4. दुर्बलता में बल - यशायाह 41:10
मत डर, क्योंकि मैं तेरे संग हूं, इधर उधर मत ताक, क्योंकि मैं तेरा परमेश्वर हूं; मैं तुझे दृढ़ करूंगा और तेरी सहायता करूंगा, अपने धर्ममय दाहिने हाथ से मैं तुझे सम्हाले रहूंगा॥ यशायाह 41:10
परमेश्वर कहता है, "डरो मत, क्योंकि मैं तेरे साथ हूँ; निराश न हो, क्योंकि मैं तेरा परमेश्वर हूँ।" इस वचन के माध्यम से परमेश्वर हमें यह विश्वास दिलाता है कि जब हम दुर्बल होते हैं, तब भी वह हमें शक्ति और साहस प्रदान करता है। जीवन में अनेक बार हम शारीरिक या मानसिक रूप से कमजोर महसूस करते हैं, लेकिन परमेश्वर की उपस्थिति हमें नई ऊर्जा और उत्साह देती है।
5. परीक्षा के समय सहायता - यशायाह 43:1-2
हे इस्राएल तेरा रचने वाला और हे याकूब तेरा सृजनहार यहोवा अब यों कहता है, मत डर, क्योंकि मैं ने तुझे छुड़ा लिया है; मैं ने तुझे नाम ले कर बुलाया है, तू मेरा ही है। जब तू जल में हो कर जाए, मैं तेरे संग संग रहूंगा और जब तू नदियों में हो कर चले, तब वे तुझे न डुबा सकेंगी; जब तू आग में चले तब तुझे आंच न लगेगी, और उसकी लौ तुझे न जला सकेगी। यशायाह 43:1-2
परमेश्वर कहता है, "डरो मत, क्योंकि मैंने तुझे छुड़ा लिया है।" यह वचन हमें याद दिलाता है कि जब हम परीक्षाओं और कठिनाइयों का सामना करते हैं, तो परमेश्वर हमें अपनी सहायता और मार्गदर्शन प्रदान करता है। चाहे वह नौकरी का संकट हो, पारिवारिक समस्या हो या अन्य कोई परीक्षा, परमेश्वर हमारी मदद करने के लिए हमेशा तैयार रहता है। हमें बस उस पर भरोसा करना चाहिए और उसकी सहायता को स्वीकार करना चाहिए।
6. चिंता एवं देखभाल - मत्ती 10:30-31
तुम्हारे सिर के बाल भी सब गिने हुए हैं। इसलिये, डरो नहीं; तुम बहुत गौरैयों से बढ़कर हो। मत्ती 10:30-31
यीशु ने कहा, "तुम्हारे सिर के सब बाल गिने हुए हैं। इसलिए डरो मत।" यह वचन हमें सिखाता है कि परमेश्वर हमारी छोटी से छोटी चिंता को भी समझता है और हमें उसकी देखभाल में पूरा विश्वास रखना चाहिए। हमारी सभी चिंताओं और समस्याओं को परमेश्वर के सामने रखकर हमें निश्चिंत होना चाहिए कि वह हमारी हर समस्या का समाधान करेगा। उसकी देखभाल में हमें कभी भी खुद को अकेला महसूस नहीं करना चाहिए।
7. कब्र के आगे - मृत्यु के परे - प्रकाशितवाक्य 1:17
जब मैं ने उसे देखा, तो उसके पैरों पर मुर्दा सा गिर पड़ा और उस ने मुझ पर अपना दाहिना हाथ रख कर यह कहा, कि मत डर; मैं प्रथम और अन्तिम और जीवता हूं। प्रकाशित वाक्य 1:17
यीशु ने कहा, "डरो मत; मैं ही प्रथम और अन्तिम हूँ।" यह वचन हमें यह आश्वासन देता है कि मृत्यु के परे भी परमेश्वर हमारे साथ है और हमें डरने की आवश्यकता नहीं है। जीवन और मृत्यु दोनों ही परमेश्वर के हाथ में हैं। हमें इस बात का विश्वास होना चाहिए कि मृत्यु के बाद भी परमेश्वर की उपस्थिति हमारे साथ होगी और वह हमें सुरक्षित रखेगा।
निष्कर्ष
इन बाइबल के वचनों से यह स्पष्ट होता है कि "डरो मत" परमेश्वर का हमें हर परिस्थिति में दिए गया आश्वासन है। चाहे जीवन की यात्रा हो, आवश्यकता की पूर्ति, संकट, दुर्बलता, परीक्षा, चिंता या मृत्यु का सामना करना हो, परमेश्वर हर समय हमारे साथ है और हमें किसी भी चीज़ से डरने की जरूरत नहीं है। हमें अपने जीवन में इस वचन को हमेशा याद रखना चाहिए और विश्वास के साथ आगे बढ़ना चाहिए।
परमेश्वर के आश्वासन से हमें यह भरोसा मिलता है कि हम किसी भी समस्या का सामना कर सकते हैं। उसका प्रेम और देखभाल हमें हर परिस्थिति में साहस और शांति प्रदान करते हैं। हमें विश्वास और धैर्य के साथ उसकी ओर देखना चाहिए, यह जानते हुए कि वह हमारी हर समस्या का समाधान कर सकता है।
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