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जय - मेरे लिए । Victory for me - click Bible

जय - मेरे लिए ? Victory For Me
जय - मेरे लिए । Victory for me - click Bible


हां- आप प्रत्येक पाप पर जय पा सकते हैं 

यीशु के पास ऐसी ताकत है जिससे वह आपको बुरी आदत की जंजीरों से मुक्त कर सकता है। यह उसके साथ रिशता कायम करने शुरू होता है। अगर आप अपने पापों की माफी और यीशु के द्वारा अनंत जीवन पाना चाहते हो ,तो प्रार्थना करें - " प्रिय परमेश्वर यीशु , मेरे पापों के लिए मुझे क्षमा करो। मेरे जीवन में आओ और मेरे दोस्त बनो । रोजाना मेरी मदद के लिए मुझे अपना आत्मा दो। आमीन।

आइए बाइबल के इन वचनो को देखें 

 क्योंकि जब एक मनुष्य के अपराध के कारण मृत्यु ने उस एक ही के द्वारा राज्य किया, तो जो लोग अनुग्रह और धर्म रूपी वरदान बहुतायत से पाते हैं वे एक मनुष्य के, अर्थात यीशु मसीह के द्वारा अवश्य ही अनन्त जीवन में राज्य करेंगे। रोमियो 5:17, और तुम पर पाप की प्रभुता न होगी, क्योंकि तुम व्यवस्था के आधीन नहीं वरन अनुग्रह के आधीन हो॥ रोमियो 6:14

मैं कैसा अभागा मनुष्य हूं! मुझे इस मृत्यु की देह से कौन छुड़ाएगा? रोमियो 7:24, मैं अपने प्रभु यीशु मसीह के द्वारा परमेश्वर का धन्यवाद करता हूं: निदान मैं आप बुद्धि से तो परमेश्वर की व्यवस्था का, परन्तु शरीर से पाप की व्यवस्था का सेवन करता हूं॥ रोमियो 7:25, वह फिर हम पर दया करेगा, और हमारे अधर्म के कामों को लताड़ डालेगा। तू उनके सब पापों को गहिरे समुद्र में डाल देगा। मीका 7:19 

प्रार्थना करें " मेरे पैरों को अपने वचन के मार्ग पर स्थिर कर, और किसी अनर्थ बात को मुझ पर प्रभुता न करने दे।" भजन संहिता 119:133
" जब आप अपने जीवन का पुरा नियंत्रण परमेश्वर को सौंप देतें हैं तब पाप आप पर प्रभुता नहीं कर पाती। क्योंकि अब आपकी देख रेख करनेवाला परमेश्वर है जो आपको को स्थिर करेगा।"

हां-आप प्रत्येक परिस्थिति पर जय पा सकते हैं

हालात कैसे भी हों, जो परमेश्वर पर विश्वास करते हैं उनके लिए कोई भी परिस्थितियां मायने नहीं रखती , क्योंकि परमेश्वर के पास बुरी परिस्थितियों को भी बेहतर बनाने की काबिलियत है। आइए देखें ...

परन्तु परमेश्वर का धन्यवाद हो, जो मसीह में सदा हम को जय के उत्सव में लिये फिरता है, और अपने ज्ञान का सुगन्ध हमारे द्वारा हर जगह फैलाता है। 2 कुरिन्थियों 2:14, मैं प्रभु में बहुत आनन्दित हूं कि अब इतने दिनों के बाद तुम्हारा विचार मेरे विषय में फिर जागृत हुआ है; निश्चय तुम्हें आरम्भ में भी इस का विचार था, पर तुम्हें अवसर न मिला। फिलिप्पियों 4:10
यह नहीं कि मैं अपनी घटी के कारण यह कहता हूं; क्योंकि मैं ने यह सीखा है कि जिस दशा में हूं, उसी में सन्तोष करूं। फिलिप्पियों 4:11, मैं दीन होना भी जानता हूं और बढ़ना भी जानता हूं: हर एक बात और सब दशाओं में तृप्त होना, भूखा रहना, और बढ़ना-घटना सीखा है। फिलिप्पियों 4:12, जो मुझे सामर्थ देता है उस में मैं सब कुछ कर सकता हूं। फिलिप्पियों 4:13

हां- आप प्रत्येक संकट पर जय पा सकते हैं।

जय पाने वाला कौन है? जिसका विश्वास परमेश्वर पर है और जिसने उसे अपना आधार पाना हो। आइए जय के इन वचनों को पढ़ें...

अत: हम इन बातों के विषय में क्या कहें? यदि परमेश्वर हमारी ओर है, तो हमारा विरोधी कौन हो सकता है? रोमियो 8:31, जिस ने अपने निज पुत्र को भी न रख छोड़ा, परन्तु उसे हम सब के लिये दे दिया: वह उसके साथ हमें और सब कुछ क्योंकर न देगा? 
रोमियो 8:32

परमेश्वर के चुने हुओं पर दोष कौन लगाएगा? परमेश्वर वह है जो उन को धर्मी ठहराने वाला है। रोमियो 8:33
फिर कौन है जो दण्ड की आज्ञा देगा? मसीह वह है जो मर गया वरन मुर्दों में से जी भी उठा, और परमेश्वर की दाहिनी ओर है, और हमारे लिये निवेदन भी करता है। रोमियो 8:34

कौन हम को मसीह के प्रेम से अलग करेगा? क्या क्लेश, या संकट, या उपद्रव, या अकाल, या नंगाई, या जोखिम, या तलवार? रोमियो 8:35 जैसा लिखा है, कि तेरे लिये हम दिन भर घात किए जाते हैं; हम वध होने वाली भेंडों की नाईं गिने गए हैं। रोमियो 8:36

परन्तु इन सब बातों में हम उसके द्वारा जिस ने हम से प्रेम किया है, जयवन्त से भी बढ़कर हैं। रोमियो 8:37
क्योंकि मैं निश्चय जानता हूं, कि न मृत्यु, न जीवन, न स्वर्गदूत, न प्रधानताएं, न वर्तमान, न भविष्य, न सामर्थ, न ऊंचाई, रोमियो 8:38 न गहिराई और न कोई और सृष्टि, हमें परमेश्वर के प्रेम से, जो हमारे प्रभु मसीह यीशु में है, अलग कर सकेगी॥ रोमियो 8:39

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परमेश्वर आपको आशीष दे।





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