परिचय:
1. विश्वास की बाइबिल आधारित परिभाषा
बाइबल में विश्वास की सबसे स्पष्ट परिभाषा इब्रानियों 11:1 में दी गई है:
"अब विश्वास उन बातों का निश्चय है, जिनकी आशा की जाती है, और उन वस्तुओं का प्रमाण है, जो देखी नहीं जातीं।" (इब्रानियों 11:1)
इस वचन के अनुसार, विश्वास का मतलब है:
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निश्चय – जो चीजें अभी पूरी नहीं हुई हैं, उनके पूरा होने की आशा और यकीन।
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प्रमाण – उन अदृश्य बातों का सबूत, जिन्हें हमने अभी देखा नहीं, लेकिन जिन पर हमारा भरोसा है।
इस प्रकार, बाइबल में विश्वास केवल भावनाओं पर आधारित नहीं है, बल्कि यह परमेश्वर के वचनों और प्रतिज्ञाओं पर आधारित एक ठोस भरोसा है।
2. विश्वास का स्रोत – यह कैसे आता है?
बाइबल कहती है कि विश्वास हमारे अंदर अपने आप नहीं आता, बल्कि यह परमेश्वर के वचन को सुनने से उत्पन्न होता है।
"सो विश्वास सुनने से, और सुनना मसीह के वचन से होता है।" (रोमियों 10:17)
इसका मतलब यह है कि जब हम परमेश्वर का वचन (बाइबल) पढ़ते या सुनते हैं, तब पवित्र आत्मा हमारे दिल में विश्वास उत्पन्न करता है।
3. बाइबल में विश्वास के उदाहरण
बाइबल में कई ऐसे लोग हैं जिन्होंने महान विश्वास दिखाया:
1. अब्राहम – विश्वास का पिता
अब्राहम ने परमेश्वर की आज्ञा मानकर बिना किसी गंतव्य के अपनी धरती को छोड़ दिया।
"अब्राहम ने विश्वास किया और यह उसके लिए धर्म गिना गया।" (रोमियों 4:3)
2. नूह – अदृश्य बातों पर विश्वास
नूह ने उन बातों पर विश्वास किया जो अभी नहीं हुई थीं, और परमेश्वर की आज्ञा से जहाज़ बनाया, जिससे उसका परिवार बचाया गया।
3. हनोक – परमेश्वर को प्रसन्न करने वाला विश्वास
हनोक ऐसा जीवन जीता था जो परमेश्वर को प्रसन्न करता था, और बाइबल कहती है कि वह मृत्यु को देखे बिना स्वर्ग उठा लिया गया।
4. विश्वास और कार्यों का संबंध
कुछ लोग मानते हैं कि केवल विश्वास ही काफी है, जबकि बाइबल हमें बताती है कि सच्चा विश्वास अच्छे कार्यों से प्रकट होता है।
"परन्तु जैसा शरीर आत्मा बिना मरा हुआ है, वैसा ही विश्वास भी बिना कार्यों के मरा हुआ है।" (याकूब 2:26)
इसका अर्थ है कि यदि हमारा विश्वास सच्चा है, तो वह हमारे जीवन में अच्छे कार्यों और व्यवहार के रूप में दिखाई देगा – जैसे प्रेम करना, सेवा करना, क्षमा करना आदि।
5. विश्वास हमारे जीवन को कैसे बदलता है?
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शांति देता है: जब हम विश्वास करते हैं कि परमेश्वर हमारे साथ है, तो हम डर और चिंता से मुक्त हो जाते हैं।
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आशा प्रदान करता है: विश्वास हमें भविष्य के लिए आशा और उद्देश्य देता है, चाहे परिस्थितियाँ कैसी भी हों।
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प्रार्थना में सामर्थ्य देता है: विश्वास से की गई प्रार्थना असरदार होती है (मरकुस 11:24)।
6. यीशु मसीह में विश्वास – अनन्त जीवन की कुंजी
बाइबल सिखाती है कि केवल यीशु मसीह पर विश्वास करने से ही हमें पापों की क्षमा और अनन्त जीवन प्राप्त होता है।
"क्योंकि परमेश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम रखा कि उसने अपना एकलौता पुत्र दे दिया, ताकि जो कोई उस पर विश्वास करे, वह नाश न हो, परन्तु अनन्त जीवन पाए।" (यूहन्ना 3:16)
इस वचन से स्पष्ट है कि विश्वास केवल एक धार्मिक भावना नहीं, बल्कि उद्धार की राह है।
7. निष्कर्ष: क्या आपका विश्वास जीवित है?
बाइबल में विश्वास की परिभाषा केवल शब्दों तक सीमित नहीं है, यह एक जीवंत अनुभव है। यह हमें परमेश्वर से जोड़ता है, जीवन में दिशा देता है और अनन्त जीवन का द्वार खोलता है।
यदि आप आज विश्वास के इस मार्ग पर चलना चाहते हैं, तो परमेश्वर के वचन को पढ़ें, प्रार्थना करें और यीशु मसीह पर पूरी तरह भरोसा रखें। यही सच्चा और जीवित विश्वास है जो जीवन बदल देता है।
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