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परिवार के साथ मिलकर प्रार्थना करने के लाभ | Benefits Of Praying Together As A Family

 

परिवार के साथ मिलकर प्रार्थना करने के लाभ | Benefits Of Praying Together As A Family

पारिवारिक प्रार्थना


पारिवारिक प्रार्थना हमें रोज करना जरूरी है। सुबह- शाम पारिवारिक प्रार्थना करना उत्तम है। उससे आप बहुत ही आशीषित होंगे अगर आप बहुत व्यस्त हों तो दिन में एक बार पारिवारिक प्रार्थना के लिए जरूर निकालना। हफ्ते में एक दिन उपवास रखके प्रार्थना करेंगे तो अच्छा है। इसके लिए आपको मुश्किल है तो आप हफ्ते में कोई भी एक दिन सुबह और दोपहर को खाना खाकर रात को खाना न खायें। उस दिन रात को 9 बजे से 12 बजे तक प्रार्थना करें, नहीं तो आप अपने समय के अनुसार समय निकालें।


आप अपने बच्चे उनकी पढ़ाई, अपना खाना-पीना और रोग बीमारी, दुर्घटना से रक्षा अपने पति पत्नी और अपने खानदान के लोगों का नाम लेकर प्रार्थना करें। अपने पासबान, उनकी सेवकाई और कलीसिया की आत्मिक बढ़ोत्तरी और कलीसिया के लोगों की आत्मिक और आर्थिक उन्नति के लिए प्रार्थना करें। बीच में गीत गायें, बाइबिल भी पढ़ें और महीने में एक बार इतवार के अलावा एक दिन अपने पासबान के साथ, नहीं तो कलीसिया के साथ पारिवारिक आशीष के लिए छुट्टी लेकर प्रार्थना करें। अगर आप ऐसे करते हो आपकी रात की नींद खराब नहीं होगी। आपकी पारिवारिक समस्याएँ खत्म होंगी। आपका बच्चा बिगड़ेगा नहीं उनको पढ़ाई में बुद्धि और ज्ञान प्रभु देगा। आपका पैसा डॉक्टर के पीछे और दवाईयों के पीछे नहीं जायेगा। आपका समय अस्पताल में खराब नहीं होगा। 


प्रभु के कारण आप सुखी होंगे इसलिए पारिवारिक प्रार्थना को आप जरूर करना है। हो सकता है आप विश्वास में अपने घर में अकेले हों। आप चिन्ता न करें। आप अपने पारिवारिक लोगों के लिए आँसू बहाकर प्रार्थना करें। प्रभु आपके आँसूओं का जवाब ज़रूर देंगे। अपने बच्चे के सिर के ऊपर हाथ रखकर आप उसके लिए प्रार्थना किया करें। आपका बच्चा कामयाब होगा। आपका परिवार एक आशीषित परिवार हो जाये, यह प्रभु चाहता है। इफिसियों 5 पूरा पढ़िए याद करें यहोशू 24:14, 15


पारिवारिक जीवन


शादी की शुरुआत परमेश्वर ने की। परमेश्वर ने सबसे पहले बनाया, आदम। जिसको परमेश्वर ने अकेले रखना अच्छा नहीं समझा इसलिए प्रभु ने उसको एक सहायक देने की इच्छा की और आदम को एक गहरी नींद देकर उसकी पसुली से हड्डी निकाल के स्त्री को बनाया ताकि आदम को संगति मिले। प्रभु की सृष्टि के अनुसार स्त्री का सिर पुरुष, पुरुष का सिर परमेश्वर है। स्त्री पुरुष के अधीन में रहे परमेश्वर चाहते हैं और पुरुष स्त्री को अपने समान प्रेम करे और उसकी सम्भाल करे। पुरुष के लिए स्त्री उसकी हड्डी है। स्त्री के लिए पुरुष उसका सिर है। सिर का कहना मानना और अधीन में रहना परमेश्वर इच्छा करता है। यह सब प्रेम में करना है। पति-पत्नी एक शरीर हैं इसलिए वो अलग रहें लड़ाई झगड़ा करें मार- पीट करें, प्रभु पसन्द नहीं करता हैं। पति के आगे ऊच्ची बातें बोलना पत्नी के लिए उत्तम नहीं है।


पत्नी घर की देखभाल करना, बच्चे को ध्यान देना और ससुराल वालों को प्यार करना ज़रूरी है और पत्नी सिर्फ पति और बच्चों से नहीं बल्कि ससुराल के लोगों का सम्मान और सेवा करे घर पर आये अतिथियों का सत्कार करें। अगर कोई आपको गुलाम बनाने और सताने के लिए कोशिश करता है आप अपने विषय परमेश्वर के साथ बाँटे। प्रभु आपके दुखों को सुख में बदल डालेगा। "जो आँसू बहाते हुए बोते हैं वे जयजयकार करते हुए लवने पाएँगे।" (भजन संहिता 126:5)


शैतान नहीं चाहता कि पति पत्नी प्रेम में रहें और इकट्ठा प्रार्थना करें इसलिए वो अलग-अलग गड़बड़ बीच में डालने के लिए अपने उपाय और युक्तियाँ लेकर आयेगा। हमें इस बात का बड़ी सावधानी से सामना करना है। कई जगह चुप रहना अच्छा है। कुछ बातों के लिए अपने कान को बन्द करना और जीभ को रोकना उत्तम है। आप दुख नहीं उठायेंगे। आपके स्वभाव के बदलाव के कारण पारिवारिक लोग भी आपको देखकर बदलेंगे। यीशु ने कहा तुम धरती पर दो लोग एक मन से मेरे से जो कुछ माँगोगे मैं तुम्हारी इच्छाओं को पूरा करूँगा। प्रभु आपको एक अच्छा पारिवारिक जीवन देने के लिए मदद करे।


आपको याद रखना है आपका पारिवारिक जीवन समस्या में जा रहा है वो आपकी दुर्दशा है, इसलिए पारिवारिक जीवन अच्छा होने के लिए आपको प्रार्थना करना जरूरी है।


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