परमेश्वर की योजना जीवन के लिए | God’s Plan for Our Life - Click Bible

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परमेश्वर की योजना जीवन के लिए | God’s Plan for Our Life

परमेश्वर की योजना जीवन के लिए | God’s Plan for Our Life
God's plan

(God’s Plan for Our Life)

हर इंसान के जीवन में एक सवाल ज़रूर आता है – क्या मेरे जीवन का कोई उद्देश्य है? क्या मेरे लिए कोई खास योजना है? बाइबल हमें स्पष्ट रूप से सिखाती है कि हमारा जीवन संयोग नहीं है। परमेश्वर ने हमें एक उद्देश्य के साथ रचा है, और उसके पास हमारे जीवन के लिए एक अद्भुत योजना है।

1. परमेश्वर ने हमें उद्देश्य के साथ रचा है

यिर्मयाह 29:11 में लिखा है:

“क्योंकि यहोवा की यह वाणी है, कि जो विचार मैं तुम्हारे विषय में करता हूं, उन्हें मैं जानता हूं, वह कल्याण के हैं, न कि हानि के, कि मैं तुम्हें आशा और भविष्य दूं।”

यह पद हमें बताता है कि परमेश्वर हमारे भविष्य के लिए अच्छी योजना रखता है। वह हमें दुख और विनाश नहीं, बल्कि आशा और शांति देना चाहता है।

2. उसकी योजना व्यक्तिगत और विशेष है

परमेश्वर की योजना कोई सामान्य ढांचा नहीं है जिसमें सबको फिट होना हो। वह हमें व्यक्तिगत रूप से जानता है। भजन संहिता 139:13-14 में लिखा है:

“तू ने मेरे अन्तःकरण को रचा; तू ने मुझे मेरी माता के गर्भ में बुना। मैं तेरा धन्यवाद करूंगा, क्योंकि मैं भयानक और अद्भुत रीति से रचा गया हूं।”

इसका अर्थ है कि परमेश्वर ने हमें विशेष रूप से रचा है। वह हमारी क्षमताएं, कमजोरियां, और सपनों को जानता है। उसकी योजना हमारे जीवन की हर स्थिति को ध्यान में रखकर बनी हुई है।

3. परमेश्वर की योजना हमेशा भलाई के लिए होती है

कई बार जब हम कठिनाइयों से गुजरते हैं, तब हमें लगता है कि शायद परमेश्वर की योजना हमारे लिए अच्छी नहीं है। लेकिन रोमियों 8:28 में लिखा है:

“और हम जानते हैं कि जो लोग परमेश्वर से प्रेम रखते हैं, और जो उसकी इच्छा के अनुसार बुलाए गए हैं, उनके लिए सब बातें मिलकर भलाई ही को उत्पन्न करती हैं।”

यह पद हमें आश्वासन देता है कि चाहे परिस्थिति कैसी भी हो, परमेश्वर उसे हमारी भलाई के लिए उपयोग करता है।

4. उसकी योजना को जानने के लिए हमें परमेश्वर के करीब रहना होगा

परमेश्वर की योजना जानना चाहते हैं? तो उसके साथ चलना शुरू कीजिए। नीतिवचन 3:5-6 में लिखा है:

“तू सम्पूर्ण मन से यहोवा पर भरोसा रख, और अपनी समझ का सहारा न लेना; उसी को सब बातों में स्मरण कर, और वह तेरे मार्ग को सीधा करेगा।”

यहां हमें यह सीख मिलती है कि जब हम अपनी बुद्धि पर नहीं, बल्कि परमेश्वर पर भरोसा करते हैं, तो वह हमारे मार्गों को सीधा करता है और अपनी योजना प्रकट करता है।

5. परमेश्वर की योजना में शांति और अनंत जीवन शामिल है

परमेश्वर की योजना केवल इस धरती पर अच्छे जीवन तक सीमित नहीं है। वह चाहता है कि हम अनंत जीवन पाएं। यूहन्ना 3:16 कहता है:

“क्योंकि परमेश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम रखा कि उसने अपना इकलौता पुत्र दे दिया, ताकि जो कोई उस पर विश्वास करे, वह नाश न हो, परन्तु अनन्त जीवन पाए।”

इसका मतलब है कि परमेश्वर चाहता है कि हम यीशु मसीह पर विश्वास करें और अनंत जीवन की उसकी योजना का हिस्सा बनें।

6. परमेश्वर की योजना में हमारी सहभागिता ज़रूरी है

परमेश्वर की योजना सिर्फ हमें लेकर नहीं है, बल्कि दूसरों तक उसके प्रेम और सुसमाचार को पहुँचाने के लिए भी है। मत्ती 28:19-20 में यीशु कहते हैं:

“इसलिये तुम जाकर सब जातियों के लोगों को चेला बनाओ, और उन्हें पिता और पुत्र और पवित्र आत्मा के नाम से बपतिस्मा दो।”

हमें न केवल परमेश्वर की योजना जाननी है, बल्कि उसमें सहभागी भी बनना है।

निष्कर्ष (Conclusion)

हमारा जीवन कोई दुर्घटना नहीं है। परमेश्वर ने हमें उद्देश्य के साथ रचा है, और उसके पास हमारे लिए एक विशेष, उत्तम और सुंदर योजना है। लेकिन उस योजना को जानने और उसमें चलने के लिए हमें परमेश्वर पर विश्वास करना होगा, उसके वचन को पढ़ना होगा, और प्रार्थना में उसके पास जाना होगा।

याद रखें, जब हम परमेश्वर की योजना में चलते हैं, तो हमें सच्ची शांति, आनंद और उद्देश्य का अनुभव होता है।

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