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हम किस पास्टर को सुने? सही पास्टर कौन है?

हम किस पास्टर को सुने? सही पास्टर कौन है?

आज के समय में जब हम टेलीविज़न, यूट्यूब, सोशल मीडिया और चर्चों में असंख्य "पास्टर्स" की आवाज़ें सुनते हैं, तो एक स्वाभाविक सवाल उठता है —
"हम किसे सुनें?"
"कौन सही पास्टर है?"
"क्या हर कोई जो परमेश्वर के नाम पर प्रचार करता है, वास्तव में उसका सेवक है?"

इस लेख में हम बाइबल की रोशनी में इस विषय की गहराई में उतरेंगे — ताकि हम न केवल धार्मिकता के मुखौटे को पहचान सकें, बल्कि सच्चे चरवाहे की पहचान कर सकें, जो आत्माओं की रक्षा करता है।


1. पास्टर का अर्थ क्या है? (बाइबल की दृष्टि से)

"पास्टर" शब्द बाइबल में एक चरवाहे (Shepherd) के रूप में प्रयोग किया गया है। एक पास्टर का कार्य केवल प्रचार करना नहीं, बल्कि झुंड की देखभाल, आत्मिक सुरक्षा, प्रेरणा, और शुद्ध शिक्षा देना है।

यिर्मयाह 3:15

“मैं तुम्हें अपने मन के अनुसार चरवाहे दूंगा, जो तुम्हें ज्ञान और समझ से चराएँगे।”

इससे स्पष्ट होता है कि परमेश्वर स्वयं ऐसे पास्टर्स को नियुक्त करता है, जो उसके मन के अनुसार होते हैं — न कि भीड़ के अनुसार।


2. आज के युग की चुनौती: हर कोई पास्टर बन गया है

भारत ही नहीं, पूरे विश्व में आज अनेक लोग “पास्टर”, “अपोस्टल”, “प्रोफेट”, “टीचर” और “गुरु” बनकर सामने आ रहे हैं। इनमें से कुछ:

  • पैसा कमाने के लिए,

  • प्रसिद्धि के लिए,

  • लोगों को धोखा देने के लिए,

  • या किसी राजनीतिक उद्देश्य से “ईश्वर के सेवक” बन बैठे हैं।

यीशु मसीह ने चेतावनी दी:

मत्ती 7:15

“झूठे भविष्यद्वक्ताओं से सावधान रहो, जो भेड़ों के भेष में तुम्हारे पास आते हैं, परन्तु भीतर वे फाड़ने वाले भेड़िए हैं।”


3. सच्चे और झूठे पास्टर के बीच का अंतर कैसे समझें?

(1) क्या वह पास्टर बाइबल आधारित शिक्षा देता है?

सच्चा पास्टर हमेशा बाइबल को आधार बनाकर सिखाता है — न कि मनघडंत कहानियाँ, दर्शन या चमत्कारी कहानियाँ। यदि कोई पास्टर परमेश्वर के वचन से हटकर “मन को भाने वाले शब्द” बोलता है, तो सावधान हो जाइए।

2 तीमुथियुस 4:3-4

“लोग ऐसे उपदेशकों को इकट्ठा करेंगे, जो उनकी इच्छाओं के अनुसार कहानियाँ सुनाएँ।”

(2) क्या उसका जीवन नम्रता और पवित्रता से भरा है?

सच्चा पास्टर केवल मंच पर नहीं, मंच के पीछे भी वैसा ही होता है — नम्र, विनम्र, और आत्मिक। वह प्रसिद्धि, पैसा या शोहरत नहीं चाहता।

(3) क्या वह पास्टर अपने झुंड की चिंता करता है?

सही पास्टर अपने चर्च के लोगों के लिए प्रार्थना करता है, उनके साथ बैठता है, उनकी समस्याएँ सुनता है — वह उन्हें उपदेश देने वाला नहीं, बल्कि आत्मिक पिता के रूप में संभालता है।

(4) क्या वह पास्टर आत्मिक रूप से प्रभु के अधीन है?

बहुत से प्रचारक अपने आपको "प्रभु के स्थान पर" बैठा देते हैं। वे आलोचना सहन नहीं करते, अपने फैसलों को अंतिम मानते हैं, और किसी से उत्तरदायी नहीं होते। यह आत्मिक अहंकार है — जो एक सच्चे सेवक के स्वभाव के विपरीत है।


4. आज के समय में कुछ झूठे पास्टरों के लक्षण (बाइबल से प्रमाणित):

(1) लालची और धन के भूखे (2 पतरस 2:3):

“और वे लोभ के कारण तुम्हें झूठी बातों से अपना शिकार बनाएँगे।”

आज कई "पास्टर" प्रचार के लिए मोटी फीस लेते हैं, "बीज बोने" के नाम पर लोगों से पैसा माँगते हैं, और आलीशान जीवन जीते हैं — यह सेवकाई नहीं, व्यापार है।

(2) आत्म-प्रचार और आत्म-गौरव:

वे सोशल मीडिया पर अपने चमत्कारों, भीड़, और विदेशी दौरों की डींगे हांकते हैं। उनका केंद्र "यीशु" नहीं, बल्कि "मैं" होता है।

(3) शिक्षाओं को तोड़-मरोड़ कर पेश करना (2 कुरिन्थियों 11:13-15):

“ऐसे लोग झूठे प्रेरित हैं… वे मसीह के सेवकों का रूप धरते हैं।”

यदि कोई प्रचारक केवल "आशीष", "चमत्कार", "समृद्धि", "लॉटरी जीतने वाली भविष्यवाणी" की बातें करता है, और कभी पाप, पश्चाताप और न्याय की चर्चा नहीं करता — तो वह सच्चा नहीं हो सकता।


5. तो हम किस पास्टर को सुने?

a. जो बाइबल से सिखाता हो — न कि उससे बाहर।

b. जो आत्मा से भरा हो, पर अहंकार से नहीं।

c. जो केवल मंच का प्रचारक न हो, बल्कि झुंड का देखभाल करने वाला हो।

d. जो प्रचार से अधिक प्रार्थना में समय बिताता हो।

e. जो न्याय, प्रेम, क्षमा और अनुग्रह — सब सिखाता हो।


6. परमेश्वर ने हमें आत्मा दी है — पहचानने के लिए

1 यूहन्ना 4:1

“हर आत्मा की परीक्षा करो, कि वे परमेश्वर की ओर से हैं या नहीं…”

हमें हर पास्टर की बात पर “आमीन” नहीं कहना चाहिए। परमेश्वर ने हमें विवेक और आत्मा की पहचान दी है। बाइबल को पढ़िए — और देखिए कि जो वह सिखा रहा है, वह वचन के अनुसार है या नहीं।


7. क्या चर्च बड़ा हो, तभी पास्टर सही होता है? नहीं!

कई बार हम सोचते हैं कि जिस पास्टर के पास हजारों की भीड़ है, वह ज़रूर परमेश्वर का सेवक होगा। लेकिन यह सोच गलत है।
भीड़ सच्चाई की निशानी नहीं होती — बलिदान और नम्रता होती है।


8. बाइबल के कुछ सच्चे चरवाहों के उदाहरण:

1. मूसा — नम्र और परमेश्वर के वचन का पालन करने वाला।

2. यिर्मयाह — सच्चाई कहने पर तिरस्कार सहने वाला।

3. पौलुस — जिसने प्रचार के लिए कष्ट और कारावास सहे।

इनमें कोई भी धन, शोहरत या चमत्कार का प्रदर्शन करने वाला नहीं था — फिर भी परमेश्वर ने उन्हें अपना सेवक कहा।


9. एक सच्चे पास्टर की पहचान — यीशु मसीह के समान हृदय

यीशु ने कहा:

"मैं अच्छा चरवाहा हूँ, और मैं अपनी भेड़ों को जानता हूँ, और मेरी भेड़ें मुझे जानती हैं।" – यूहन्ना 10:14

जो पास्टर यीशु के जैसा बनना चाहता है — प्रेम, सेवा, बलिदान और सच्चाई में — वही सच्चा पास्टर है।


10. यदि आप गलत पास्टर के अधीन हैं, तो क्या करें?

  • पहचानें: बाइबल पढ़ें और प्रचार की परीक्षा करें।

  • प्रार्थना करें: कि परमेश्वर आपको सत्य में मार्गदर्शन दे।

  • संगति बदलें: यदि आवश्यक हो तो, एक ऐसा समुदाय खोजें जहाँ वचन शुद्धता से सिखाया जाता है।

  • स्वयं बाइबल पढ़ना शुरू करें: ताकि आप स्वयं परमेश्वर की आवाज़ को जान सकें।


निष्कर्ष:

प्रिय पाठक,
इस युग में जहाँ झूठ और सत्य एक जैसे दिखने लगे हैं, वहाँ यह अत्यावश्यक है कि हम आत्मा से पहचाने —
"मैं किसको सुन रहा हूँ?"
"क्या वह मुझे यीशु के पास ले जा रहा है या केवल भीड़ का हिस्सा बना रहा है?"

आज परमेश्वर आपको बुला रहे हैं —
उनकी भेड़ों में शामिल होने के लिए, जो सच्चे चरवाहे की आवाज़ को पहचानती हैं।

आत्मिक आह्वान:

यदि आप उलझन में हैं कि सही पास्टर कौन है, तो आज यीशु मसीह से प्रार्थना करें:

“हे प्रभु यीशु, मुझे सच्चाई पहचानने की समझ दे। मुझे ऐसे चरवाहों से दूर रख जो तेरी ओर नहीं ले जाते। मेरी आत्मा की रक्षा कर, और मुझे तेरे वचन में गहराई से बढ़ा। आमीन।”

अंतिम प्रेरणा:

“मेरी भेड़ें मेरी आवाज़ सुनती हैं, और मैं उन्हें जानता हूँ, और वे मेरे पीछे चलती हैं।”
(यूहन्ना 10:27)


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