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आपकी संतान | Your Child

आपकी संतान | Your Child

आपकी संतान


संतान परमेश्वर का दिया हुआ दान है। इस संतान को अच्छी तरह से सम्भालने का कर्तव्य आपका है। हो सकता है कि आपका बच्चा आपका कहना नहीं मानता होगा। पढ़ता नहीं होगा, शरारती होगा, घर से पैसे चोरी करता होगा। आपने अपने बच्चे को कभी बोला होगा कि तुम पैदा न होते तो अच्छा था। तेरे जन्म के कारण मैं दुखी हूँ। तू हमारे खानदान का नाम खराब करेगा।

जवान लड़के दारू, नशे और लड़कियों के पीछे घूमते होंगे। जवान लड़कियां लड़कों के पीछे जानेवाली होंगी। बच्चे ने आपको दुखी करके रखा होगा। लेकिन आपको अपने बच्चे को श्राप नहीं देना चाहिए। बच्चे में ये स्वभाव कुछ तो अपने खानदान से मिलता है। कुछ शारीरिक अभिलाषाओं से होता है। कुछ अपने समाज से मिलता है। कई स्वभाव शैतान की ओर से भी हैं। जब इन बातों से आप बच्चे को श्राप देते है।। आपके बच्चे का स्वभाव और बिगड़ जाता है और कई जगह पर बच्चे के स्वभाव को देखकर माता-पिता भी बिगड़ जाते हैं। इससे घर के अन्दर झगड़ा, लड़ाई, मार-पिटाई, घर का सामान तोड़ना और अशांति भी होता है।

आपके बच्चे को सुधारने का तरीका आपको सिखाएंगे। आपको अपने बच्चे के सामने एक अच्छा नमूना होना जरूरी है। ताकि आपकी जिंदगी को देखकर बच्चा सीख जाए। यदि मां-बाप दारू पीने वाले, झूठ बोलने वाले, बीड़ी-सिगरेट पीते हों, व्यभिचारी हों, कब्जा करनेवाले हों, तो बच्चे में भी यही स्वभाव पैदा होता है। इसीलिए आपका पहले सुधरना ज़रूरी है। दूसरा हमें यह देखना है कि बच्चा किस प्रकार के समाज में जाता है। गलत समाज में जाने से हमें बच्चे को रोकना है।

आजकल टी. वी. में कई प्रकार के प्रोग्राम आते हैं। कौन सा देखना है, कौन सा नहीं देखना-बच्चे को शिक्षा देना हमारा कर्तव्य है। खानदान और रिश्तेदार पड़ोसियों की कमज़ोरी अपने बच्चे को बोलकर उनके मन को कठोर न बनाएं। परमेश्वर के प्रेम के बारे में आप अपने बच्चे को समझाएं। विश्वास की शिक्षा दें। सेवा करना, दान देना, लोगों की सहायता करना और बुराई से भागना ये बातें बच्चों को शिक्षा देना माँ-बाप का कर्तव्य है। आपकी अपने बच्चे का एक अच्छा शिक्षक बनना जरूरी है। छोटे बच्चे बोली से नहीं मानते। उसके लिए बाइबल कहती है छड़ी का प्रयोग करना अच्छा है। जो छड़ी से प्रेम करता है। अपने बच्चे से प्रेम करता है। छोटे बच्चे जब कहना नहीं मानते हैं तो उसको चुड़ी देने से बच्चे को डर आता है।

पारिवारिक प्रार्थना में बच्चे को भी बिठाना है। बाइबल पढ़ना, गीत गाना, प्रार्थना करना सीखाना है। बाइबल की अच्छी कहानियाँ बच्चे को सुनाना है। प्रभु की भक्ति और डर में इसका पालन-पोषण करना है। सुबह और शाम बच्चे को खुद बैठ के प्रार्थना करने में अगुवाई करना है। खाने से पहले बच्चे से प्रार्थना करवानी है। पारिवारिक प्रार्थना में आप बच्चे के सिर के ऊपर हाथ रख के बच्चे की आशीष के लिए प्रार्थना करें। आपके आँसू और प्रार्थना शिक्षा के कारण आपके बच्चे में बदलाव जरूर आएगा।

रविवार के दिन आपका बच्चा संगति में जाता है कि नहीं। आप अपने बच्चे को जरूर साथ लेकर जायें। उस दिन अपने बच्चे को और कोई काम और प्रोग्राम के लिए न भेजें। बीच में अपने पासबान से प्रार्थना करवाना अच्छा है। लेकिन कई माँ-बाप गलतियाँ करते हैं। पासबान को बोझ देकर आप खाली बैठते हैं। अपने बच्चे की आत्मिक बढ़ोतरी के लिए मेहनत नहीं करते। फिर बच्चे और पासबान के ऊपर दोष लगाते हैं। ये गलतियाँ आप खुद न करें। आपकी खुद की मेहनत करने के बावजूद भी बच्चे में कोई बदलाव नहीं आता है तो आप अपने पासवान की सहातया माँगें।


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