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बाइबल क्या कहती है, कि हमें किस तरह का भोजन खाना चाहिए? What does the Bible say about what foods we should eat?

बाइबल क्या कहती है, कि हमें किस तरह का भोजन खाना चाहिए? What does the Bible say about what foods we should eat?

भोजन


भोजन शरीर के लिए जरूरी है। खाने से ही शरीर को ताकत मिलती है। मौसम के अनुसार खाना खाना अच्छा है। उससे बीमारी को रोक सकते हैं। लोग अपनी-अपनी इच्छा और कमाई के अनुसार अपनी पसंद वाला खाना खाते हैं। कुछ लोग शाकाहारी और कुछ मांसाहारी होते हैं। बाइबल इस बात को रोकती नहीं है। लेकिन लोग अपने रीति-रिवाज के अनुसार विश्वास करते हैं। कि जानवर, पक्षी, मछली सबमें आत्मा है। पुनर्जन्म के गलत उपदेश के कारण लोगों में गलत भावना उत्पन्न की है। हमने यह समझना है। हर चीज में जीवन है। पेड़ में सब्जी में भी जीवन है क्योंकि परमेश्वर ने सारी चीजों को अपने मुँह के वचन के द्वारा सृष्टि किया। इसीलिए उसमें जीवन है। बल्कि मनुष्य को परमेश्वर ने अपने रूप में मिट्टी से लेकर उसमें जीवन और आत्मा डाला वो है। (इन्सान) आदमी को इसी प्रकार बनाया। लेकिन औरत को आदमी की पसली की हड्डी निकालकर बनाया।


आप देखो कि कभी भी जानवर, पक्षी, पेड़-पौधे परमेश्वर की आराधना नहीं करते। भक्ति और पूजा करने का काम उनके वश में नहीं है। वो गलत काम करने के बाद पश्चाताप नहीं करते। माफी नहीं माँगते, क्योंकि उसमें आत्मा नहीं है। लेकिन मनुष्य बात करता है। आराधना करता है। पाप करने के बाद पश्चाताप करता है और उनके लिए बहुत कानून भी हैं। कानून तोड़कर जाएगा तो पुलिस और कोर्ट भी हैं लेकिन जीव-जन्तु के लिए ऐसी कोई कानूनी व्यवस्था नहीं है। इसलिए आप कभी ये न बोलना मैं पिछले जन्म में कुत्ता, मक्खी था और न ही डरना कि अगले जन्म में मैं जानवर बनूँगा। आपको एक ही बार इंसान का जन्म मिला है। इसी सत्तर और अस्सी साल की जिंदगी में आप प्रभु यीशु मसीह पर विश्वास करके पाप छोड़कर मन फिराएँगे तो स्वर्ग मिल जाएगा। आप ये मत सोचो आपके खाने में कुछ चीज छोड़ने के कारण आपको स्वर्ग मिलेगा।


बाइबल ये कहती है शाकाहारी, मांसाहारी को तुच्छ न जाने और न खाने वालों को दोष न लगाए! तू कौन है जो दूसरे पर दोष लगाता है। उसका स्थिर रहना और गिर जाना उसके स्वामी ही से संबंध रखता है। लेकिन आपका खाना-पीना दूसरे की ठोकर का कारण न बने। 


फल खाना अच्छा है। हरे पत्ते की सब्जी शरीर के लिए बहुत बढ़िया है। आप ऐसा ही खाने को पसन्द करें। लेकिन शाकाहारी अपने आपको कभी गर्व नहीं करना जो हम खाते हैं। चीनी में पशुओं की हड्डी पीसकर मिलाते हैं। इसीलिए चीनी सफेद होती है। दुनिया में सारे लोग चीनी खाते हैं। कई बीमारियों की दवाई जो बनती है, वो मछली के तेल से बनती है। साबुन जानवर की चर्बी से बनता है। कई शैम्पू में अण्डा मिलाते हैं और जूते, पर्स, बैग ये सब जानवर की खाल से बनते हैं। मंदिरों में जो ढोलक होते हैं, वे भी इसी से बनता है। कई मंदिरों में पाप के पश्चाताप के लिए लोग जानवर की बलि चढ़ाते हैं। गन्द खाने के लिए परमेश्वर ने सृष्टि किया एक जानवर है-सूअर । उसकी भी बलि चढ़ा के उसका माँस खाते हैं उसके माँस के अन्दर कीटाणु बहुत होते हैं। धर्म के कुकर्मी लोग पैसा कमाने के लिए चालाकी से बनाया कई कानून से एक है। (खाना-पीने का)


आप धोखा न खायें परमेश्वर ने सारी सृष्टि का अधिकार आपको दिया है। उत्तम चीज चुनने का अधिकार आपको है। आप अपनी मनमर्जी से खाएं। लेकिन दूसरे पर दोष न लगाएं। आप कोशिश करें आप ताजा खाना खाएं। ताजा सब्जी और फल बाजार से खरीदें। अगर आपके शरीर में कोई कमी हो डॉक्टरों के उपदेश के अनुसार खाना खाएं। आपके शरीर को सम्भालने का काम आपका है और किसी का नहीं है। क्योंकि परमेश्वर की आत्मा आपके शरीर में वास करता है। खाना खाने से पहले प्रार्थना करके खाना चाहिये। मांसाहारी लोग याद रखें कोई भी चीज का लहू नहीं पीना। मरे हुए जानवर का माँस नहीं खाना। सूअर का मांस आपको बीमारी में लेकर जाएगा। गर्मी में मांस खाने के कारण आप बीमार हो जाएंगे। प्रभु आपको खाने में बुद्धि और ज्ञान देकर आपके शरीर को प्रबल करे।


"बाइबल में पुराना नियम और नया नियम हमें स्पष्ट रूप में समझाता है। कोई भी जानवर का लूह पीना मना है। उन लोगों को परमेश्वर अशुद्ध मानते हैं। आप कभी लहू नहीं पीना क्योंकि लहू में प्राण है।


अपनी बाइबल खोलकर पढ़िए मत्ती 15:16-20


हर इन्सान में शरीर, प्राण और आत्मा है? लेकिन जानवर और पेड़-पौधों में शरीर और प्राण है आत्मा नहीं है। यही आत्मा परमेश्वर के पास वापस जाएगी। क्योंकि आत्मा का मालिक परम आत्मा है। इतना याद रखो कि आपका पूर्वज कभी जानवर नहीं था और न बनेगा।


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