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पूर्वजों के रीति-रिवाज क्या होते हैं ? इससे हम कैसे छुटकारा पा सकते हैं - what are the customs of ancestors ?

 

पूर्वजों के रीति-रिवाज क्या होते हैं ? इससे हम कैसे छुटकारा पा सकते हैं - what are the customs of ancestors ?

पूर्वजों के रीति-रिवाज क्या होते हैं


मरे हुए और जिन्दा मनुष्यों की मूर्ति बनाना, उपासना करना, मरे हुए लोगों के आत्मा के बचाव के लिए अलग-अलग जगहों पर जाकर कर्म करवाना, झाड़-फूंक करना, हाथ दिखाना, ज्योतिषों के पीछे जाना, जन्मकुण्डली दिखाना, पण्डितों से समस्या का हल करवाना, अलग-अलग रूप के लॉकेट और धागा बांधना, मुश्किलों के बीच में अलग-अलग नाम लेना, जानवर की बलि चढ़ाना, दुष्ट आत्माओं के लिए ज्योति जलाना। यह सब पूर्वजों की रीति-रिवाज में से कुछ बातें हैं।


अपने जीवन में व्यभिचार, गंदे काम, अपने पति के अलावा दूसरे से सम्बन्ध, पत्नी के अलावा, दूसरी से सम्बन्ध रखना, पुरुष-पुरुषों के साथ और स्त्री-स्त्रीयों के साथ गलत व्यभिचार के बंधन, शादी से पहले गलत रिश्ता स्थापित करना, अन्य स्त्रियों और पुरुषों को मन में रखते हुए गलत भावना रखना, पैसों के लिए व्यभिचार करना, शराब पीना, नशा, तम्बाकू, बीड़ी-सिगरेट और झूठ बोलना, दो नम्बर का काम करके पैसा बनाना, दूसरे को नीचे गिराकर उसकी सम्पत्ति हड़पना, लेन-देन में हाथ साफ नहीं होना, दूसरों की चीज़ों पर कब्जा करना, और चोरी करना, चुगली करना, न्याय बिगाड़ना, ईर्ष्या झगड़ा-लड़ाइयां, फूट, विरोध यह सब हमारे शारीरिक पाप हैं।


अपने और पूर्वजों के पाप हमें श्राप और रोग में ले जाते हैं


इस कारण खानदान से कई बीमारियाँ हटती नहीं है: पागलपन, बांझपन, लड़का पैदा नहीं होता, कोढ़ की बीमारी, लकवापन, गूंगा, बहरा, अंधापन, लंगड़े, अंगहीन, बच्चे कामयाब नही होते, कंगालपन घर को नहीं छोड़ता, कैंसर, दिल का रोग, घबराहट इसी प्रकार की कई बीमारियाँ परिवार को नहीं छोड़ती। इसके अलावा जादू टोना का बंधन और लोगों का श्राप भी हमें मुसीबत में ले जाएगा।


इससे हम कैसे छुटकारा पा सकते हैं?


इसके लिए हम अपने पापों को, जो हमें याद आता है, और जो नहीं आता उन सबके लिए हम प्रभु यीशु मसीह से प्रार्थना करके पश्चाताप करें। मैं और मेरे बाप-दादा ने जो पाप किया है वो गलत है उसे तन-मन से मानना, उसको छोड़ना आगे मैं यह पाप नहीं करूंगा यह वायदा आपको प्रभु से करना है।


सिर्फ यीशु ही मेरे सारे बंधन से मुझे छुटकारा दे सकता है इस बात पर आपको विश्वास करना है। मेरा हृदय और शरीर और मेरा प्राण प्रभु यीशु मसीह का है, इस बात पर मैं हृदय से विश्वास रखता हूँ। यीशु, मेरे पापों की मुक्ति, रोगों से चंगाई और श्रापों से छुटकारा देने आया। आकाश के पक्षियों को खाना खिलाने वाला परमेश्वर मेरे सारे खाने-पीने की जरूरत को पूरा करेगा। प्रभु मुझे कोई भी विपत्ति, हानि में नहीं जाने देगा।


सभी विपत्तियों से मुझे बचायेंगे कोई भी भूत-प्रेत, दुष्टात्मा मुझ पर अधिकार नहीं कर सकते। मेरे विलाप को प्रभु नृत्य में बदल देंगे, मुझे आनन्द और खुशी से भर देंगे। इस बात पर आपने पूरा विश्वास करना और बार-बार बोलना है। 


आपको बार-बार गाने के लिए एक गीत


यही एक गीत याद करके बार-बार गाना है और भजन संहिता 23 का एक से लेकर छः तक याद करना।


यहोवा मेरा चरवाहा है, मुझे कुछ घटी न होगी वह मुझे हरी-हरी चराइयों में बैठाता है। वह मुझे सुखदाई जल के झरने के पास ले चलता है। वह मेरे जी में जी ले आता है। धर्म के मार्गों में वह अपने नाम के निमित मेरी अगुवाई करता है। चाहे मैं घोर अन्धकार से भरी हुई तराई से होकर चलूं, तौभी हानि से न डरूंगा; क्योंकि तू मेरे साथ रहता है; तेरे सोंटे और तेरी लाठी से मुझे शान्ति मिलती है। तू मेरे सताने वालों के सामने मेरे लिए मेज बिछाता है; तू ने मेरे सिर पर तेल मला है, मेरा कटोरा उमण्ड़ रहा है। निश्चय भलाई और करूणा जीवन भर मेरे साथ-साथ बनी रहेंगी; और मैं यहोवा के धाम में सर्वदा वास करूंगा।


यह बार-बार बोलने के बाद आपने यह भी प्रार्थना करनी है-यीशु मेरा सृजनहार, पालनहार, तारणहार है। परमेश्वर आत्मा है, वो आत्माओं का पिता है, इसलिए सबकी आत्माओं का अधिकारी होने के कारण उसे परमेश्वर कहते हैं।


परमेश्वर चाहता है कि मनुष्य की आत्मा उससे खुद बातचीत करे। इस कारण हम अपना सारा बोझ विश्वास और धन्यवाद के साथ प्रभु पर डालें यीशु ने कहा, "बोझ से दबे हुए लोगों मेरे पास आओ मैं तुम्हें विश्राम दूंगा"।


"किसी भी बात की चिन्ता मत करो, परन्तु हर एक बात में तुम्हारे निवेदन, प्रार्थना और विनती के द्वारा धन्यवाद के साथ परमेश्वर के सम्मुख उपस्थित किए जाएं। तब परमेश्वर की शान्ति, जो समझ से बिल्कुल परे है, तुम्हारे हृदय और तुम्हारे विचारों को मसीह यीशु में सुरक्षित रखेगी।"


"अपने सताने वालों को आशीष दो; आशीष दो श्राप न दो। आनन्द करने वालों के साथ आनन्द करो; और रोनेवालों के साथ रोओ। आपस में एक सा मन रखो, अभिमानी न हो परन्तु दोनों के साथ संगति रखो अपनी दृष्टि में बुद्धिमान न हो। बुराई के बदले किसी से बुराई न करो; जो बातें सब लोगों के लिए भली हैं उनकी चिन्ता किया करो। जहाँ तक हो सके, तुम सब मनुष्यों के साथ मेल-मिलाप रखो। हे प्रियो अपना पलटा न लेना, पलटा लेना मेरा काम है प्रभु कहता है मैं ही बदला दूंगा परन्तु यदि तेरा बैरी भूखा हो तो उसे खाना खिला, यदि प्यासा हो तो उसे पानी पिला, बुराई से न हारो, परन्तु भलाई से जीतो।"


"कोई किसी से बुराई के बदले बुराई न करे पर सदा भलाई करने में तत्पर रहो। आपस में और सब से भी भलाई ही की चेष्टा करो। निरन्तर प्रार्थना में लगे रहो। हर बात में धन्यवाद करो क्योंकि तुम्हारे लिए मसीह यीशु में परमेश्वर की यही इच्छा है।"


*"सब प्रकार की बुराई से बचे रहो। शान्ति का परमेश्वर आप ही तुम्हें पूरी रीति से पवित्र करे और तुम्हारी आत्मा और प्राण, और देह हमारे प्रभु यीशु मसीह के आने तक पूरे पूरे निर्दोष और सुरक्षित रहे।


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